जिस हाल में रखे साई उस हाल में रहते जाओ तुफंनों से क्या घबराना तूफानों में बहते जाओगम और ख़ुशी की रातें सब हैं उसकी सौगांते देनेवाला जो दे दे हंस-हंसके सहते जाओ जिस हाल में रखे साई .......
तुम दूर नहीं मंजिल से बस दिल को लगालो दिल से और उसके गले से लगकर जो कहना है कहते जाओ जिस हाल में रखे साई .......