ॐ सांई राम जी
श्री गुरु राम दास जी – साखियाँ - भाई हिन्दाल को वरदानउसकी प्रेमा भक्ति पर खुश होकर गुरूजी ने वचन किया कि अब तुम घर जाकर नाम जपना और औरों को जपा कर सिखी मार्ग को और आगे बढ़ाना| गुरु जी का वचन मानकर भाई हिन्दाल अपने गाँव जंडियाला चला गया| स्वंय नाम जपता और औरों को कराता हुआ परमगति को प्राप्त हो गया| इस प्रकार गुरु के दिये हुए वरदान के कारण उस इलाके के लोग भाई हिन्दाल को गुरु मानकर पूजने लगे| ऐसा केवल गुरु के वरदान के कारण ही संभव हो पाया|