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Channel: Shirdi Ke Sai Baba Group (Regd.)
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श्री साईं लीलाएं- विट्ठल का दर्शन देना

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ॐ सांई राम





कल हमने पढ़ा था.. गौली बुवा की कथा     

श्री साईं लीलाएं

विट्ठल का दर्शन देना    

साईं बाबा भगवद् भजन व ईश्वर चिंतन में विशेष रूप से रुचि रखते थेबाबा सदैव अपने आत्मस्वरूप में मग्न रहा करते थेबाबा के होठों पर 'अल्लाह मालिकका उच्चारण सदैव रहता थाबाबा द्वारिकामाई मस्जिद में 'कीर्तन सप्ताहका भी आयोजन किया करते थेइसी 'कीर्तन सप्ताहको 'नाम-सप्ताहभी कहा जाता था|



एक समय की बात है साईं बाबा ने अपने प्रिय भक्त दासगणु को 'कीर्तन सप्ताहकरने के लिए कहातब दासगणु ने साईं बाबा से कहा कि - "हे देवा ! आपकी आज्ञा मेरे लिए शिरोधार्य हैपरन्तु आप मुझे विश्वास दें कि इस कीर्तन सप्ताह में विठ्ठल अवश्य ही प्रकट होंगे|" दासगणु की बात सुनकर साईं बाबा ने अपने हृदय पर अपना सीधा हाथ रखाउनका ऐसा करना इस बात का संकेत था कि वह दासगणु को भरोसा दे रहे होंफिर साईं बाबा बोले कि विठ्ठल अवश्य ही प्रकट होंगेलेकिन इसके लिए भक्तों में श्रद्धाविश्वास और तीव्र उत्सुकता का होना भी बहुत जरूरी हैबाबा बोले कि विठ्ठल की पंढरीरणछोड़ की द्वारका और ठाकुरनाथ की डंकपुरी तो शिरडी ही हैफिर किसी को भी दूर जाने की क्या आवश्यकता हैक्या विठ्ठल कहीं बाहर से आयेंगे वे तो शिरडी में ही विराजते हैंजब भक्तों में भक्ति और प्रेम का प्रवाह सुचारू रूप से होगा तो विठ्ठल स्वयं ही प्रकट होकर उनकी इच्छा अवश्य पूर्ण करेंगे|

फिर ऐसा ही हुआ भीजब कीर्तन सप्ताह का समापन हुआ तो विठ्ठल स्वयं ही प्रकट हो गएइस बात के प्रत्यक्ष प्रमाण काका साहब दीक्षित थेजिन्होंने प्रतिदिन की तरह स्नानादि किया से निवृत्त होने के बाद ध्यान किया तो उन्हें विठ्ठल के साक्षात् दर्शन हुएफिर जब उस दिन दोपहर को काका साहब साईं बाबा के दर्शन करने के लिए मस्जिद गए तो बाबा ने उनसे पूछा - "क्यों विठ्ठल पाटिल आये थे क्या तुमने उसके दर्शन किएवे बहुत चंचल हैंउन्हें अच्छी तरह पकड़ लोजरा-सी भी असावधानी बरतोगे तो वे बेचकर निकल पायेंगे - ऐसा कहकर साईं बाबा मुस्कराने लगेजैसा कि साईं बाबा का स्वभाव था|

काका साहब दीक्षित को उस दिन सुबह विठ्ठल के दर्शन हुए ही थेदोपहर में भी उन्हें फिर से एक बार उनके दर्शन हुएउस दिन एक आश्चर्यजनक घटना यह हुई कि एक चित्र बेचने वाला विठोला (विठ्ठल) के चित्र वहां पर बेचने आयावे चित्र ठीक वैसे ही थेजैसे ध्यान करते समय काका साहब को विठ्ठल के दर्शन हुए थेचित्र को देखकर और बाबा की बात को याद करते ही उन्हें बहुत हैरानी और प्रसन्नता हुईफिर काका साहब ने चित्र बेचने वाले से खुशी-खुशी एक चित्र खरीद लिया और उसे अपने पूजाघर में स्थापित कर दिया|



परसों चर्चा करेंगे... रामनवमी के दिन शिरडी का मेला

ॐ सांई राम
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।


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