ॐ साँईं राम जी
मेरी लाख चोरासी काट के
मेरा जन्म दिया है संवार
तू छोड़ सुखासन आ गया
मैंने जब भी करी पुकार
तेरी महिमा कैसे कहूँ साईं
तू है सच्चा सिरजनहार
चरणों में अपने रख मुझे
मेरी कर दे नैया पार
लाखों रंगों के इस जग में
कहीं देखा न सच्चा प्यार
तुने रूप फकीरी का धरा
साईं जग के पालन हार
मैं मुरख नाम धराये के
साईं सयों करी पुकार
मोहे साचा एको दीखता
है झूठा सब संसार
मेरी लाख चोरासी काट दो
साईं किरपा करो अपार
मोहे बांह पकड़ कर खींच लो
करो नैया भव से पार
तू छोड़ सुखासन आ गया
मैंने जब भी करी पुकार
तेरी महिमा कैसे कहूँ साईं
तू है सच्चा सिरजनहार
चरणों में अपने रख मुझे
मेरी कर दे नैया पार
लाखों रंगों के इस जग में
कहीं देखा न सच्चा प्यार
तुने रूप फकीरी का धरा
साईं जग के पालन हार
मैं मुरख नाम धराये के
साईं सयों करी पुकार
मोहे साचा एको दीखता
है झूठा सब संसार
मेरी लाख चोरासी काट दो
साईं किरपा करो अपार
मोहे बांह पकड़ कर खींच लो
करो नैया भव से पार