तिनका बहे समुद्र में
ना कोई भय सताये
त्यूँ ही साँई चरणों में
यह जीवन बीता जाये
डर तूफानों का उन जहाजों को होता है,
जिन्हें अपना बड़ा होने पर गुमान होता है,
पार पाते हैं तूफानों में भी तिनके क्योंकि
छोटा बन कर जीना उन्होंने साँईं से सीखा है
क्या बिगाड़ेंगी तेज लहरें भी हमारा
जब साँईं जी का हमें मिला है सहारा
कठिन डगर भी आसानी से पार होगी
साँईं जी ने सब को हैं भव से तारा