चाहे श्री साईं बाबा आज समाधिस्थ हैं , फिर भी वे हमारी उसी तरह से ही सहायता करते है जैसे समाधि से पूर्व करते थे | केवल भक्त की पूर्ण श्रद्धा होनी चाहिए | चाहे श्री साईं बाबा ने मानुष देह त्याग दी हो , फिर भी भक्त यदि श्रद्धा सहित शरणागत हो जाते हैं, तो बाबा की समाधि भी बाते करती है और हमें आशाएं बंधाती है -- शुभ आशाएं संचारित करती है |