ॐ सांँई राम
साँईं दयालं, साँईं कृपालं,
साँईं अनन्त, त्रिगुण स्वरूप|
साँईं नाम को हृदय में धर ले
राह मुक्ति की निशिचित कर ले
वो त्रिकालदर्शी सब जाने
जाने न कोई भी बन्दा
और न ही संसार बस,
तू अपना कर्म करता चला जा
साँईं नाम का श्रवण करता चला जा
ॐ श्री साँईं राम
ॐ श्री साँईं राम
ॐ श्री साँईं राम