क्या लिखूं आज फिर से तेरी याद में,
तूझी को मांगू साँई से हर फरियाद में।
लिखते हुए शब्द धुंधले से दिखते हैं,
आंसू शब्दों से पहले कागज पर बिछते हैं।
याद क्या करें तुम्हारे साथ बिताए पल हम,
बस उन्ही के सहारे ही तो अब जीतें हैं हम।
एक कोशिश तो कर के देखना आने को,
आ गयें तो मैं तैयार हूँ, तेरी तस्वीर में जाने को