Quantcast
Channel: Shirdi Ke Sai Baba Group (Regd.)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 4286

साधना से बढ़ता है बाबा सांईश्वर के प्रति प्रेम

$
0
0

ॐ सांई राम



साधना से बढ़ता है बाबा सांईश्वर के प्रति प्रेम


प्रेम आत्मा का दर्पण है। प्रेम की ताकत के आगे बाबा भी बेबस हो जाते हैं अर्थात प्रेम में वह शक्ति है कि मानव बाबा को पा सकता है। बाबा से प्रेम करने वाला भक्त मृत्यु से नहीं डरता क्योंकि वह अपना तन-मन उनको को समर्पित कर चुका होता है। ज्ञानी साधकों का भगवान के प्रति प्रेम गहरा और घना होता है और जैसे-जैसे वे साधना करते जाते हैं वैसे-वैसे समय के साथ उनका प्रेम बढ़ता ही जाता है।

प्रेम का भाव छिपाने से भी छिपता नहीं है। प्रेम जिस हृदय में प्रकट होकर उमड़ता है उस को छिपाना उस हृदय के वश में भी नहीं होता है और वह इसे छिपा भी नहीं पाता है। यदि वह मुंह से प्रेम-प्रीत की कोई बात न बोल पाए तो उसके नेत्रों से प्रेम के पवित्र आंसुओं की धारा निकल पड़ती है अर्थात् हृदय के प्रेम की बात नेत्रों से स्वत: ही प्रकट हो जाती है। प्रेमी जिज्ञासु को चाहिए कि वह प्रेम और सेवा-भक्ति में सदा सुदृढ़ रहे। ऐसा करने पर उसे अवश्य ही मोक्ष का फल मिलेगा। संत जनों के व गुरुओं के सदुपदेश से जब उसे आत्म बोध हो जाएगा तो उसका इस संसार में आवागमन मिट जाएगा। बाबा मानव के बाहरी साज श्रृंगार से प्रभावित नहीं होते हैं बल्कि उसके लिए तो अलौकिक श्रृंगार की आवश्यकता होती है। जिस प्रकार सुहागन अपने पति को मोहित करने अर्थात पाने के लिए श्रृंगार करती है उसी प्रकार बाबा से प्रेम करने वाले भक्त को प्रेम रूपी पायल पहन कर नेत्रों में अंजन लगाकर सिर में शील का सिंदूर भरना होगा अर्थात बाबा को पाने के लिए इन सब गुणों को धारण करना जरूरी है।

यह संसार बाबा की भक्ति और प्रेम का दरबार है। यहां सत कर्म करके हमें बाबा की कृपा अर्थात मोक्ष पाने का प्रयास करना चाहिए मगर इसके लिए मानव में त्याग भाव का होना जरूरी है। बाबा की कृपा व उनका प्रेम केवल उन्हीं को मिल सकता है जिन्हें संत जनों का साथ व गुरुओं से ज्ञान मिला हो।

Viewing all articles
Browse latest Browse all 4286

Trending Articles