ॐ सांई राम

साईं नाथ दया करना इतनी,
नित नाम तुम्हारा उच्चार करूँ!
बिठाके तुम्हे मन मंदिर में,
दिव्य रूप तुम्हारा निहारा करूँ!
भर के भृग पांतो में प्रेम का जल,
पद पंकज नाथ पखारा करूँ!
मृदु मंजुल भावो की माला बना,
तेरी पूजा के साज संवारा करूँ!
साईं नाथ दया करना इतनी,
नित नाम तुम्हारा उच्चार करूँ!
बनूँ प्रेम पुजारी मैं तुम्हारा प्रभु,
तुम्हारी आरती भव्य उत्तारा करूँ!
तेरे नाम की माला हे साईं,
मन के मनको पे फिराया करूँ!
साईं नाथ दया करना इतनी,
नित नाम तुम्हारा उच्चार करूँ!
तुम आओ न आओ यहाँ साईं,
दिन रात में तुम्हे बुलाया करूँ!
जिस पथ पर पाँव धरे तुमने,
पलके उस पथ पे बिछाया करूँ!
साईं नाथ दया करना इतनी,
नित नाम तुम्हारा उच्चार करूँ!