माँ दुर्गा जी की तीसरी शक्ति का नाम 'चंद्रघंटा'है| नवरात्रि-उपासना में तीसरे दिन इन्ही के विग्रह का पूजन आराधन किया जाता है| इनका यह स्वरूप परम शक्तिदायक और कल्याणकारी है| इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचन्द्र है| इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है| इसके शरीर का रंग स्वर्ण के सामान चमकीला है| इनके दस हाथ है| इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शास्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं| इनका वाहन सिंह है| इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उधयत रहने वाली होती है| इनके घंटे की-सी भयानक चंडध्वनि से अत्याचारी दानव-दैत्य-राक्षस सदैव प्रकम्पित रहते हैं|
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