श्री गुरु अमर दास जी ज्योति - ज्योत समाना
रामकली सदु
१ ओंकार सतिगुरु परसादि||
जगि दाता सोइि भगति वछ्लु तिहु लोइि जीउ||
गुर सबदि समावए अवरु न जाणै कोइि जीउ||
अवरो न जाणहि सबदि गुर के एकु नामु धिआवहे||
परसादि नानक गुरु अंगद परम पदवी पावहे||
आइिआ ह्कारा चलणवारा हरि राम नामि समाइिआ||
जगि अमरू अटलु अतोलु ठाकरू भगति ते हरि पाइिआ||१||
इस प्रकार सबको धैर्य और हुक्म मानने का वचन करके गुरु जी ने भादरव सुदी पूर्णिमा संवत १६६१ को अपने परलोक गमन कि तयारी कर ली| संगत को वाहिगुरू का सुमिरन व शब्द कितन करने कि आज्ञा करके आप कुश के आसन पर सफ़ेद चादर तान कर लेट गये| शरीर त्याग कर अकाल पुरख के चरणों में जा पहुँचे|
कुल आयु व गुरुगद्दी का समय (Shri Amar Das Ji Total Age and Ascension to Heaven)
श्री गुरु अमरदास जी २२ साल ५ महीने और ११ दिन गुरुगद्दी पर आसीन रहे|
आप ६५ साल ३ महीने और २३ दिन इस जगत में शरीर करके सुशोभित रहे|
१ ओंकार सतिगुरु परसादि||
जगि दाता सोइि भगति वछ्लु तिहु लोइि जीउ||
गुर सबदि समावए अवरु न जाणै कोइि जीउ||
अवरो न जाणहि सबदि गुर के एकु नामु धिआवहे||
परसादि नानक गुरु अंगद परम पदवी पावहे||
आइिआ ह्कारा चलणवारा हरि राम नामि समाइिआ||
जगि अमरू अटलु अतोलु ठाकरू भगति ते हरि पाइिआ||१||
इस प्रकार सबको धैर्य और हुक्म मानने का वचन करके गुरु जी ने भादरव सुदी पूर्णिमा संवत १६६१ को अपने परलोक गमन कि तयारी कर ली| संगत को वाहिगुरू का सुमिरन व शब्द कितन करने कि आज्ञा करके आप कुश के आसन पर सफ़ेद चादर तान कर लेट गये| शरीर त्याग कर अकाल पुरख के चरणों में जा पहुँचे|
कुल आयु व गुरुगद्दी का समय (Shri Amar Das Ji Total Age and Ascension to Heaven)
श्री गुरु अमरदास जी २२ साल ५ महीने और ११ दिन गुरुगद्दी पर आसीन रहे|
आप ६५ साल ३ महीने और २३ दिन इस जगत में शरीर करके सुशोभित रहे|