दुख की घड़ी हैं जिन पर आई
रक्षा करना सदा बन कर सहाई
और ना कोई दूजा अपना इस जग में
तारणहार हो आप मेरे बाबा साँई
तू ही कर्ता तू ही कारक
तू ही साँई है तारणहार
जिसकी ढाल खुद साँईं बने
उसका सदा सुखी रहे परिवार
मैं क्या जानूँ लीला तेरी
सारा जग गाये महीमा तेरी
जलते हुए देखे पानी से दीये
चहु दिशा में हैं गरीमा तेरी