आज मातृ दिवस के अवसर पर सभी माताओं के श्री चरणों में मेरा सहृदय नतमस्तक हो कर कोटि कोटि प्रणाम ।
सारी दुनिया का सार हैं ..... माँ ।
समस्त ब्रह्मांड के पार हैं ..... माँ ।
सभी वेदों का विचार हैं ..... माँ ।
आदि और अंत भी हैं ..... माँ ।
जीवन पर्यंत भी हैं ..... माँ ।
सुखों की पूंजी हैं ..... माँ ।
दुखों की कुंजी हैं ..... माँ ।
आँचल से करती छांव हैं ..... माँ ।
तपती जमीन से बचाती पाँव हैं ..... माँ ।
ना आने दें तन पे कोई घाव वो हैं ..... माँ ।
सर्दी में बनती अलाव हैं ..... माँ ।
दुष्टों से करती बचाव हैं ..... माँ ।
एक शब्द विश्व में पूर्ण हैं ..... माँ ।
स्वर्ग की पहचान हैं ..... माँ ।
मेरे पास नहीं पर मेरी जान हैं ..... माँ ।