साँईं जी ही जाने है सारे जग का हाल
कौन हैं खुश कितना और कौन हैं बेहाल
किसकी झोली खाली, किसमें कितना माल
किसे मिले कितना मिले कब मिले
तू छोड़ दे पूछना अब ये सवाल
कर्म तू अपने नेक कर हर सूरतेहाल
साँईं बिठायेंगे गोदी में समझ तूझे अपना लाल
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साँईं जी ही जाने है सारे जग का हाल
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