काण्जी भाई और पीके की बातें सबने सुनी, अच्छी भी लगी, पर धारण कोई भी नहीं करता ।
वजह सिर्फ एक ही है, मदारी के खेल पर ताली हर कोई बजाता है, परन्तु मदारी को पैसे देने के लिए जेब में हाथ वो ही डालता है जो उसकी और अपनी भूख में फर्क करना नहीं चाहता ।
एक बार सच्चे मन से किसी गरीब की झोली में दो वक्त का अन्न दान कर तो देखो, आपके दो जन्मों की चिंता वो पूरे ब्रह्माण्ड के मदारी ने ना ली तो कहना।