$ 0 0 जिस देह का मान करें तूवो तो हैं मोह का बंधनजिस हृदय में तेरी याद बसीरूक जायेगा उसका स्पंदनअटल हैं, केवल मन की गतिना होने देगा स्मरण की क्षति