ॐ सांई राम
मेरा हर एक आँसू साँई तुझे ही पुकारे है,
मेरी पहुँच तुझ तक सिर्फ आँसुओं के सहारे है,
जब आप की याद साँई सही न जाए,
आप को सामने न पा कर दिल मेरा घबराए है,
तब ज़ुबा, हाथ, पांव सब बेबस होते है,
इन्ही का काम साँई आँसू कर देते है,
ये आप तक तो नहीं पहुँते पर फिर भी,
इस तङप को कुछ शांत कर देते है ||