$ 0 0 ॐ सांई रामसाँईं जी ही जाने है सारे जग का हालकौन हैं खुश कितना और कौन हैं बेहालकिसकी झोली खाली, किसमें कितना मालकिसे मिले कितना मिले कब मिलेतू छोड़ दे पूछना अब ये सवालकर्म तू अपने नेक कर हर सूरतेहालसाँईं बिठायेंगे गोदी में समझ तूझे अपना लाल