ॐ सांई राम
साँई समान कोई और न दूजा।
हर जन करता उनकी पूजा।
बाबा जिन्हें शिरडी हैं बुलाते।
उनके सब पाप-संताप मिटाते।
साँई के बस में है सकल संसार।
वे ही है शरणागत के प्राणाधार।
मनमोहक है मेरे साँई का रूप।
हो जैसे दिन की सुहानी धूप।
जो ह्रदय से साँई नाम ध्याये।
वह मनवांछित सुख-संपदा पाए।
शामा को सर्पदंश से बचाने वाले।
और पानी से दीये जलाने वाले।
जिन की उदी करती जन-कल्याण।
ऐसे साँई को मेरा कोटि-कोटि प्राणाम
हर जन करता उनकी पूजा।
बाबा जिन्हें शिरडी हैं बुलाते।
उनके सब पाप-संताप मिटाते।
साँई के बस में है सकल संसार।
वे ही है शरणागत के प्राणाधार।
मनमोहक है मेरे साँई का रूप।
हो जैसे दिन की सुहानी धूप।
जो ह्रदय से साँई नाम ध्याये।
वह मनवांछित सुख-संपदा पाए।
शामा को सर्पदंश से बचाने वाले।
और पानी से दीये जलाने वाले।
जिन की उदी करती जन-कल्याण।
ऐसे साँई को मेरा कोटि-कोटि प्राणाम