ॐ साँई राम
साँईं वचन:
"जो दुसरो को पीड़ा पहुँचाता है, वह मेरे ह्रदय को दुःख देता है, तथा मुझे कष्ट पहुँचाता है| इसके विपरीत जो स्वयं कष्ट सहन करता है, वह मुझे अधिक प्रिय है|
सदा भक्त के ध्यान में
साँईं नाम सुहाए
जो आये श्री चरणों में
पाप मुक्त हो जाये||
साँईं नाम सुहाए
जो आये श्री चरणों में
पाप मुक्त हो जाये||