$ 0 0 ॐ साँई राममैं हूँ पापी, अधर्मी, दूराचारीदेख ली साँईं मैंने तेरी भी यारीलीलाओं का सागर हैं बाबा तू तोये क्या लीला रची तूने अब की बारीक्यों हो जाता हूँ मैं इतना मजबूरक्या है मेरी खता क्या है मेरा कसूरखो कर सब कुछ दर पे तेरे आयाखोया भी वही जो कभी तुझ से था पाया