Quantcast
Channel: Shirdi Ke Sai Baba Group (Regd.)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 4286

श्री साईं लीलाएं - योगी का आत्मसमर्पण

$
0
0

ॐ सांई राम


परसों हमने पढ़ा था.. सबका रखवाला साईं

 
श्री साईं लीलाएं - योगी का आत्मसमर्पण

एक बार चाँदोरकर के साथ एक सज्जन साईं बाबा से मिलने के लिए शिरडी आये थेउन्होंने योग साधना के अतिरिक्त अनेक ग्रंथों का भी अध्ययन किया थालेकिन उन्हें जरा भी व्यावहारिक ज्ञान नहीं थापलमात्र भी वे समाधि लगाने में सफल नहीं हो पाते थेउनके समाधि साधने में बाधा आती थीउन्होंने विचार किया कि यदि साईं बाबा उन पर कृपा कर देंगे तो उनकी समाधि लगाने के समय आने वाली बाधा समाप्त हो जाएगीअपने इसी उद्देश्य से वे चाँदोरकर के साथ शिरडी आये थे|
चाँदोरकर के साथ जब वे साईं बाबा के दर्शन करने के लिए मस्जिद पहुंचे तो उस समय साईं बाबा जुआर की बासी रोटी और कच्ची प्याज खा रहे थेयह देखकर वह सज्जन सोचने लगे कि जो व्यक्ति कच्ची प्याज के संग बासी रोटी खाता होवह मेरी समस्या को कैसे दूर कर सकेगासाईं बाबा तो अंतर्यामी थेकिसके मन में क्या विचार पैदा हो रहे हैंयह उनसे छिपा न थाबाबा उन सज्जन के मन की बात जानकर नाना चाँदोरकर से बोले - "नाना ! जो प्याज को हजम करने की ताकत रखता हैप्याज भी उसी को खाना चाहिएदूसरे को नहीं|"
वह सज्जन जो स्वयं को योगी समझते थेबाबा के शब्दों को सुनकर अवाकू रह गये और उसी पल बाबा के श्रीचरणों में नतमस्तक हो गयेबाबा ने उसकी सारी समस्यायें जान लीं और उसे उनका समाधान भी बता दिया|
बाद में वे सज्जन बाबा के दर्शन कर जब वापस लौटने लगे तो बाबा ने उन्हें आशीर्वाद और ऊदी प्रसाद के साथ विदा किया|


कल चर्चा करेंगे..सर्प विष-निवारक था        

ॐ सांई राम
ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं

बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

Viewing all articles
Browse latest Browse all 4286

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>