ॐ सांई राम
निज मन में साँईं बसा लेना
तू जब शिर्डी को जाये
तू जब शिर्डी को जाये
बाबा की नगरी को जाये
ज़रा साँईं साँईं ध्या लेना
तू जब शिर्डी को जाये
मुख से साँई का नाम जो बोले
जन्म जन्म के कर्मों को धो ले
श्रद्धा से शीष नवा लेना
तू जब शिर्डी को जाये
साँईं नाम की जप ले माला
साँईं ही तेरा तारने वाला
सबुरी को मन में बसा लेना
तू जब शिर्डी को जाये
साँईं नाम की महिमा न्यारी
साँईं नाम है पर उपकारी
साँईं नाम ह्रदय में बसा लेना
तू जब शिर्डी को जाये
साँईं नाम हृदय में धारो
जन्म चक्र से खुद को उबारो
सब अहम् समर्पित कर देना
तू जब शिर्डी को जाये