मोको कहां ढूढे रे बन्दे
मोको कहां ढूढे रे बन्दे
मैं तो तेरे पास में
मैं तो तेरे पास में
ना तीर्थ मे ना मूर्त में
ना एकान्त निवास में
ना मंदिर में ना मस्जिद में
ना काबे कैलास में
ना एकान्त निवास में
ना मंदिर में ना मस्जिद में
ना काबे कैलास में
मैं तो तेरे पास में बन्दे
मैं तो तेरे पास में
मैं तो तेरे पास में
ना मैं जप में ना मैं तप में
ना मैं व्रत उपवास में
ना मैं क्रिया कर्म में रहता
ना ही जोग सन्यास में
ना ही प्राण में ना ही पिंड में
ना ब्रह्याण्ड आकाश में
ना मैं प्रकृति पर्वत गुफा में
ना ही स्वांसों की स्वांस में
ना मैं व्रत उपवास में
ना मैं क्रिया कर्म में रहता
ना ही जोग सन्यास में
ना ही प्राण में ना ही पिंड में
ना ब्रह्याण्ड आकाश में
ना मैं प्रकृति पर्वत गुफा में
ना ही स्वांसों की स्वांस में
खोजि होए तुरंत मिल जाउं
इक पल की तालाश में
कहत कबीर सुनो भई साधो
मैं तो हूँ विश्वास में....
इक पल की तालाश में
कहत कबीर सुनो भई साधो
मैं तो हूँ विश्वास में....