क्या दुख तेरा क्या दुख मेरा
पीड़ सभी की एक ही समान
अपनी पीड़ा कम करने को
पहले दूजे की पीड़ा ले जान
दुख की ना परिभाषा कोई
दर्द ना जाने भाषा कोई
जो समझे दुख किसी और का
उसकी अंतर्आत्मा रोई
दुख दर्द कम होते हैं
दूजो को मरहम लगाने से
मिट जाते हैं गिले शिकवे
मित्रों को गले लगाने से