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ना दुनिया ना दौलत ना घर चाहिए
मुझको साई तेरी शरण चाहिए,
तेरा दर चाहिए
चन्दन की ठंडक, शीतल छाया तू,
विपदा जब आई दौडा आया तू,
साई प्रेम पावन अमन चाहिए,
तेरी छत्रछाया में बसर चाहिए ..
तेरा दर चाहिए
फूल सा कोमल तू सागर से गहरा है,
छुपा नहीं तुझसे भक्तो का हाल है
श्रद्धा सबुरी की डगर चाहिए,
तुझसा ही हमको राह दर चाहिए ..
तेरा दर चाहिए..!!